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Asia Cup 2025 के बाद Suryakumar Yadav ने बताया कि पाकिस्तान खिलाड़ियों से लड़ाई क्यों हुई। Exclusive इंटरव्यू में SKY ने पूरी कहानी और सच्चाई बताई।


Asia Cup 2025 Controversy: सूर्या कुमार यादव ने आर्मी और पहलगाम विक्टिम्स को दी पूरी मैच फीस, बोले – “मैंने देश के लिए स्टैंड लिया”
नई दिल्ली: एशिया कप 2025 के फाइनल के बाद भारतीय कप्तान सूर्या कुमार यादव (Suryakumar Yadav) चर्चा में हैं — लेकिन इस बार उनकी बैटिंग नहीं, बल्कि उनके देशभक्ति भरे फैसले की वजह से। उन्होंने अपनी पूरी एशिया कप मैच फीस भारतीय आर्मी और पहलगाम विक्टिम्स को दान कर दी।

सूर्या ने बताया कि यह फैसला उन्होंने एकदम इंस्टेंट लिया था 

> “मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा था और टीवी पर मैच के हाइलाइट्स चल रहे थे। वहां चेक की तस्वीरें दिखा रहे थे, तभी लगा कि यही सही समय है कुछ अच्छा करने का। हमने देश के लिए स्टैंड लिया और जो सही लगा, वही किया।”

🇮🇳 देशभक्ति और विवाद – दोनों साथ

सूर्या कुमार यादव का यह कदम पाकिस्तान मीडिया और खिलाड़ियों के निशाने पर भी आ गया। पाकिस्तानी क्रिकेटर्स ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने ट्रॉफी लेने से इनकार किया और “हैंडशेक” नहीं किया।

इस पर सूर्या का जवाब बेहद साफ था –

> “हम डेढ़ घंटे तक मैदान में खड़े थे, ट्रॉफी वहीं रखी थी। हमने सिर्फ अपने देश के लिए स्टैंड लिया। किसी के खिलाफ कुछ नहीं किया।”



उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई ब्लेम करना चाहता है, तो वे सारे आरोप लेने के लिए तैयार हैं।

> “अगर देश के लिए स्टैंड लेना गलती है, तो मैं वो गलती बार-बार करूंगा।”

🏏 “राइवलरी मत कहिए, लेकिन हां… मुकाबला तो है ही”

इंटरव्यू में जब उनसे भारत-पाकिस्तान राइवलरी पर सवाल पूछा गया, तो सूर्या ने मुस्कराते हुए कहा –

> “राइवलरी तो है, यह बात मैं मानता हूं। लेकिन हमारी टीम आज भी वही जोश और क्लास रखती है। पाकिस्तान पहले स्ट्रॉन्ग टीम थी, पर अब इंडिया की लेगसी कंटिन्यू कर रही है।”

⚖️ ICC ने काटी मैच फीस, सूर्या बोले – ‘कोई बात नहीं’

फाइनल के बाद आईसीसी ने कुछ खिलाड़ियों की मैच फीस काटने का फैसला लिया।

> “मेरी 30% फीस काटी गई थी, लेकिन ICC का फैसला था, हम उसमें कुछ नहीं कर सकते। हमें पता है कि हमने कुछ गलत नहीं किया।”


🏆 “मेरे लिए असली ट्रॉफी मेरे प्लेयर्स हैं”


सूर्या ने कहा कि उन्हें असली खुशी ट्रॉफी से नहीं, बल्कि अपनी टीम से मिलती है।

> “जो ड्रेसिंग रूम में हमारे प्लेयर्स, सपोर्ट स्टाफ और कोच हैं – वही मेरी ट्रॉफी हैं। बाहर जो कप मिलता है, वो तो बस बाय-प्रोडक्ट है।”

💬 नेतृत्व पर बोले सूर्या: “कैप्टन नहीं, लीडर बनना चाहता हूं”

उन्होंने कहा कि कप्तानी का मतलब सिर्फ फील्ड पर फैसले लेना नहीं, बल्कि टीम के हर खिलाड़ी को समझना है।

> “मैं चाहता हूं कि टीम के साथ एक प्लेट में बैठकर खाऊं, हंसूं, समझूं कौन दबाव में कैसे रिएक्ट करता है। असली काम मैदान के बाहर शुरू होता है।”



उन्होंने बताया कि उन्होंने गौतम गंभीर और रोहित शर्मा से बहुत कुछ सीखा है।

> “गौती भाई और रोहित भाई दोनों से मैंने कुछ-कुछ बातें सीखी हैं – कैसे टीम को हैंडल करना है, कैसे साथ रहना है।”


📌 निष्कर्ष


एशिया कप 2025 भले ही क्रिकेट टूर्नामेंट था, लेकिन सूर्या कुमार यादव ने इसे एक देशभक्ति और नेतृत्व की मिसाल बना दिया। उनका “आर्मी और पीड़ितों” को मैच फीस दान करने का कदम क्रिकेट से बढ़कर मानवता की जीत साबित हुआ।


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